चहकती रहो
चहकती रहती है हमेशा, वो एक बुलबुली है
घर में रहती है तो रहती मची, खलबली सी है
मेरी बेटी, मेरा नाज़, वो है मेरे दिल का ताज
मुझको हमेशा सजाते रहती, खुद तो वो चुलबुली सी है
किसी को मम्मी बनाया, मुझको पापा बनाया
किसी को दादी बनाया, किसी को दादा बनाया
बन गए नाना, नानी, मामा, चाचा, मौसी जैसे नए शब्द
हर एक रिश्ते को नया नया जामा पहनाया
चहकती रहो, निखरती रहो
मेरे आँगन में तुम महकती रहो
जीवन के सारे रंग बिखेरती रहो
सूरज की तरह दुनिया में चमकती रहो